छत्‍तीसगढ़

छत्तीसगढ़-भिलाई इस्पात संयत्र प्रबंधन और निर्माणाधीन कंपनी के खिलाफ उतरे 500 मजदूर, ठेकेदार पर अनदेखी का आरोप

बालोद.

जिले के लौहनगरी के नाम से पहचान बनाने वाले दल्लीराजहरा में भिलाई इस्पात संयत्र अंतर्गत नवनिर्मित पैलेट एंड पावर प्लांट के मजदूरों ने बीएसपी प्रबंधन और निर्माणाधीन कंपनी जगन्नाथ पैलेट एंड पावर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वहीं मजदूर निर्माण कार्य को बंदकर प्लांट के सामने धरने पर बैठ गए हैं।

पूरे मामले को लेकर आंदोलन कर रहे मजदूरों कि मानें तो जगन्नाथ पैलेट प्लांट कम्पनी के प्रबंधन द्वारा लगातार मजदूरों का शोषण किया जा रहा है। मजदूरों को श्रम कानून के तहत निर्धारित छह घंटे के बजाय आठ घंटे काम लिया जाता है। यही नहीं कंपनी द्वारा यहां काम कर रहे मजदूरों के सुरक्षा को लेकर किसी तरह का ध्यान नहीं दिया जा रहा है और इसी के चलते बीते दिनों दो मजदूर लोमेश्वर मसीह एवं योगेश बारेझर करीब 60 फ़ीट की ऊंचाई पर काम करते समय नीचे गिरने से गंभीर रूप से घायल हो गए।

जिसके बाद भी प्रबंधन द्वारा घायल मजदूरों को समुचित इलाज सुविधा उपलब्ध नही करने के चलते मजदूरों द्वारा अपने साथियों का इलाज दल्लीराजहरा के एक निजी अस्पताल में कराया जा रहा है। मजदूर सुरेंद्र कुमार बंसोड़े ने बताया कि एक मजदूर का हड्डी टूट गया है, और एक का पैर के घुटने की हड्डी टूट गई है। तहसीलदार, टीआई भी धमकी देकर गए है। न ही प्रशासन और न ही बीएसपी मैनेजमेंट मजदूरो का साथ दे रहा हैं।

सेफ्टी रूल्स रेगुलेशन की अनदेखी
संबंधित ठेकेदार के द्वारा सेफ्टी रूल्स रेगुलेशन की अनदेखी की जा रही है, सुरक्षा मानकों के नाम पर सिर्फ मजदूरो की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा हैं, जिसमें बीएसपी प्रबंधन भी कोई हस्तक्षेप नहीं कर रहा है और न किसी प्रकार की कार्यवाही। यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि बीएसपी प्रबंधन की ठेकेदार से मिलीभगत हैं। बिना सेफ्टी बेल्ट के मजदूर ऊंचाई पर काम कर रहे हैं। जिसके कारण इस तरह के हादसे हो रहे हैं। करोड़ों की लागत से बन रहे प्लांट में काम कर रहे मजूदरों की सुरक्षा का जिम्मा ठेकेदार व बीएसपी प्रबंधन का है। लेकिन उन्हें मजदूरों की सुरक्षा से कोई लेना-देना नहीं है। इतने दिनों से माइंस के अंदर काम कर रहे किसी भी मजदूर का गेट पास नहीं बनाया गया है।

कलेक्ट्रेट जनदर्शन में ग्रामीण मजदूर कर चुके हैं शिकायत
आपको बता दे एक माह पूर्व ही इस कंपनी में कार्यरत क्षेत्र मजदूर के जिसमे धोबेदंड के आश्रित ग्राम कोडेकसा, झीकाटोला, दर्रेकसा और कुंजामटोला के ग्रामीणों ने बालोद कलेक्ट्रेट में कम्पनी प्रबंधन के खिलाफ शिकायत किया था। जिसमे कम्पनी पर यहां काम कर रहे ग्रामीण मजदूरों को गेट पास ट्रेनिंग उपलब्ध नही करने की शिकायत की गई थी। जिसके चलते इन मजदूरों को समुचित सुविधा नही मिल पा रही हैं। वही हाल ही में हुए हादसे ने मजदूरों के शिकायत पर मुहर लगा दी। वही मामले को लेकर जब मीडिया द्वारा कम्पनी के प्रबंधक से बात करने का प्रयास किया तो प्रबंधक ने मीडिया से मिलने से ही मना कर दिया गया। बहरहाल मजदूरों का यह आंदोलन आगे क्या रुख इख्तियार करती है, यह देखना होगा।

बीएसपी के अफसरों को देखने तक की फुर्सत नहीं
कार्यरत ग्रामीण मजदूरो को सुरक्षा ट्रेनिंग नहीं दी गई हैं। ए-फार्म रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया है। मजदूरों से 8 की जगह 12 घंटे काम लिया जा रहा है। इस दौरान बीएसपी प्रबंधन का अड़ियल रवैय्या सामने आया है। और यह आज की बात नहीं है, बीएसपी प्रबंधन के द्वारा लगातार मजदूरों का शोषण किया जा रहा है। मजदूरों को दी जाने वाली सुविधाएं से उन्हें वंचित किया जा रहा है। बीएसपी प्रबंधन ठेकेदारों से मिलीभगत कर मजदूरो का अहित में करने में लगा हुआ है। इस दौरान भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष मुश्ताक अहमद ने कहा है कि ठेकेदार मनमानी कर रहा है, 60 फीट ऊंचाई में मजदूर बिना सेफ्टी बेल्ट लगाए काम कर रहे है। इसे देखने बीएसपी के अधिकारियों को फुर्सत नहीं है।

मनमानी के विरोध में 500 मजदूर धरने पर बैठ गए
ठेकेदार की मनमानी व अधिकारियों की अनदेखी के चलते विरोध में गुरुवार से लगभग 400 मजदूर धरने पर बैठ गए। यह सिलसिला शनिवार तक अनवरत जारी रहा। मजदूर सुरेंद्र कुमार हंसर, नमन बंसोड़े, विकास कुमार साहू का कहना है कि मजदूरों की सुरक्षा को लेकर ठेकेदार ध्यान नहीं दे रहा है। सुरक्षा ट्रेनिंग नहीं कराया गया है। वेतन भुगतान कर मस्टर रोल में हस्ताक्षर नहीं कराया जाता है। मजदूरो की माने तो जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी, तब तक धरना समाप्त नहीं किया जाएगा। मजदूरो ने आगे बताया कि उन्हें धोखे में रखकर काम करवाया जा रहा है, प्लांट बता फैक्ट्री का निर्माण किया जा रहा है। न आज तलक रजिस्ट्रेशन हुआ है।

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